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महाराष्ट्र के किसानो को सरकार की सोगात इन जिल्हो में पिक विमा फरवरी २०२५ में मिलेंगा कैलकुलेशन हुआ पूरा जल्द पैसे बैंक खातो में

By sagarthakur863

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फर्जी फसल बीमा कराकर लाभ लेता है और यह मामला उजागर हो जाता है तो संबंधित किसान को 5 साल के लिए योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

पिक विमा योजना में परिवर्तन:

  • 1) हम योजना में कुछ परिवर्तन करना चाहते हैं। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं और वे किसानों से फीडबैक लेंगे। इसके बाद योजना में कुछ आमूलचूल परिवर्तन होंगे।
  • 2) हम एग्रीस्टैक योजना के माध्यम से किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र प्रदान करेंगे। इसके बाद किसान के खाते को आधार कार्ड और राजस्व विभाग से लिंक कर दिया जाएगा।
  • 3) कृषि मंत्री कोकाटे ने कहा कि सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि सैटेलाइट के जरिए फसल बीमा में पारदर्शिता कैसे लाई जाए।

महाराष्ट्र के किसानो को सरकार की सोगात इन जिल्हो में पिक विमा फरवरी २०२५ में मिलेंगा कैलकुलेशन हुआ पूरा जल्द पैसे बैंक खातो में

अकोलाअकोला, बार्शी तकली, मुर्तिजापुर, अकोट, तेल्हारा, बालापुर, पातुर
अमरावतीअमरावती, अचलपुर, अंजनगाव सुर्जी, भातकुली, चांदूर बाज़ार, चांदूर रेल्वे, चिखलदरा, धामणगांव रेल्वे, धारणी, दर्यापुर.
छत्रपती संभाजीनगरछत्रपती संभाजीनगर, कन्नड़, सोयगांव, सिल्लोड, फुलंब्री, खुल्दाबाद, वैजापुर, गंगापुर, पैठण.
बुलढाणाबुलढाणा, चिखली, देऊळगांव राजा, जळगांव जामोद, खामगांव, लोनार, मलकापुर, मेहकर, मोताळा, नांदुरा, संग्रामपुर, शेगांव, सिंदखेड राजा.
वाशिमवाशिम, मालेगांव, रिसोड, मनोरा, मंगरुलपीर, करंजा.
यवतमाळआर्णी, उमरखेड, कळंब, केळापूर, झरी जामणी, घाटंजी, दारव्हा, दिग्रस, नेर, पुसद, बाभुळगाव, महागांव, मारेगांव, राळेगांव, वणी, यवतमाळ.
जळगावअमलनेर, एरंडोल, चालीसगांव, चोपड़ा, जळगाव, जामनेर, धरणगांव, मुक्ताईनगर, पचोरा, पारोला, भडगांव, भुसावल, बोदवड, रावेर, यावल.
जालनाजालना, अंबाड़, भोकरदान, बदनापूर, घनसावंगी, परतूर, मंठा, जाफ़राबाद.
हिंगोलीहिंगोली, कळमनुरी, वसमत, औंढा नागनाथ, सेनगांव. 
सांगलीमिराज, कवठे महांकाल, जाट, अटपाडी, वीटा, कडेगांव, पलुस, तासगांव, इस्लामपुर, शिराला.
सातारासतारा, कराड, वाई, महाबलेश्वर, फलटण, माण, खटाव, कोरेगांव, पाटन, जावळी, खंडाळा

कृषि आयुक्तालय ने डीबीटी पोर्टल पर संबंधित व्यक्ति का आधार नंबर ब्लॉक करने के लिए मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है ताकि फर्जी फसल बीमा आवेदन पकड़े जाने पर उसे कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ न मिल सके। .

यह नियम फसल बीमा योजना में गड़बड़ियों को रोकने के लिए है और सरकार की मंजूरी के बाद इसे लागू किए जाने की संभावना है। कुछ किसान हर साल फर्जी फसल बीमा कराकर इस योजना का लाभ उठाते हैं। इसका सरकार पर वित्तीय प्रभाव पड़ता है। कृषि विभाग द्वारा भी कार्रवाई की जाती है; लेकिन इस प्रकार की घटनाएं हर साल बढ़ती ही रहती हैं। हालांकि गढ़चिरौली जिले में फर्जी फसल बीमा के मामले अभी तक उजागर नहीं हुए हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में कृषि विभाग सतर्क है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसे मामले बाग वाले जिलों में भी सामने आए। इसलिए कृषि आयुक्तालय ने नया प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेजा है। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर कार्रवाई की जाएगी।

लाभ न मिलने से किसानों की संख्या में कमी आई है। सरकार ने पिछले साल से किसानों के लिए एक रुपए में फसल बीमा योजना शुरू की है।

  • पिछले साल कई किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला।
  • इस वर्ष बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में काफी कमी आई है। इसलिए किसानों में फिर से जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।

योजना के लाभ पर 5 साल की रोक लगेगी अगर कोई किसान फर्जी फसल बीमा कराकर लाभ लेता है और यह मामला उजागर हो जाता है तो संबंधित किसान को 5 साल के लिए योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में फैला फर्जी फसल बीमा प्रदेश के कई जिलों में फर्जी फसल बीमा किए जाने के मामले उजागर हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि ऐसी घटनाओं को कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से अंजाम दिया जाता है।

अच्छी योजना में फसल बीमा एक रुपये में किया जाता है। इसका मतलब यह है कि किसानों को पहले जितना पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। यद्यपि यह योजना लाभकारी है, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि इसका दुरुपयोग हो रहा है। महत्वपूर्ण प्रस्ताव; मंजूरी का इंतजार : कृषि आयुक्तालय ने फसल बीमा योजना को लेकर सरकार को महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो जालसाजी पर अंकुश लग जाएगा।

इसलिए किसानों में फिर से जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pik Vima Yojna) के तहत बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी रबी सीजन की फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों आदि के लिए फसल बीमा कराया है। इसके लिए सरकार ने 15 जनवरी की समयसीमा तय की थी। वहीं, सरकार अब एक फरवरी से अभियान चलाकर बीमित किसानों को पॉलिसी (पिक वैमा पॉलिसी) वितरित करेगी।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना (Pik Vima Yojna) पर बड़ा अपडेट दिया है। कृषि विभाग फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को एक फरवरी से ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ नामक अभियान चलाकर बीमा पॉलिसियां ​​वितरित करेगा।

चालू रबी सीजन (Rabbi Season) के दौरान कई फसलों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए केंद्र ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने को कहा था, जिसकी अंतिम तिथि 15 जनवरी 2025 थी। अब ई-फसल निरीक्षण सहायकों के माध्यम से किया जाता है।

PMFBY पोर्टल और व्हाट्सएप पर पाएं जानकारी किसान पॉलिसी में कोई विसंगति या शिकायत है तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल https://pmfby.com/ पर पता कर सकते हैं। 14447 पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा किसान PMFBY के व्हाट्सएप चैटबॉट नंबर 7065514447 पर संदेश भेजकर भी अपने प्रश्नों का उत्तर पा सकते हैं। आप यहां से आसानी से अपनी बीमा पॉलिसी भी डाउनलोड कर सकते हैं।

सरकारी फसल बीमा योजना 2025-26 तक जारी रहेगी मंत्रिमंडल ने एक जनवरी को हुई बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसका कुल बजट 69,515.71 करोड़ रुपये है। बीमा योजना में तकनीकी सुधार के लिए 824.77 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नवाचार एवं प्रौद्योगिकी कोष (एफआईएटी) की स्थापना को मंजूरी दी गई है।

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