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Crop Insurance : 64 लाख किसानों को मिलेगा फसल बीमा! राज्य का हिस्सा वितरित करने की स्वीकृति

By sagarthakur863

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महाराष्ट्र सरकार ने आज लंबित राज्य हिस्सेदारी सब्सिडी राशि के वितरण को मंजूरी दे दी। विभिन्न सरकारी निर्णयों के तहत बीमा कम्पनियों का 2852 करोड़ रुपये बकाया है।

राज्य सरकार द्वारा फसल बीमा कम्पनियों को फसल बीमा प्रीमियम का भुगतान नहीं किए जाने के कारण किसानों को खरीफ 2022 से विभिन्न मौसमों के लिए लंबित फसल बीमा मुआवजा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन मार्च के अंत तक राज्य सरकार ने लंबित राज्यांश के वितरण को मंजूरी दे दी थी।

इस बीच, राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से अब राज्य के 64 लाख किसान आवेदकों के खातों में 2,555 करोड़ रुपये की बीमा क्षतिपूर्ति जमा होने का रास्ता साफ हो गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने आज विभिन्न सरकारी निर्णयों के तहत बीमा कंपनियों को देय लंबित राज्य शेयर सब्सिडी के 2,852 करोड़ रुपये के वितरण को मंजूरी दे दी। इससे अब विभिन्न पिछले मौसमों के लंबित मुआवजे को किसानों के खातों में जमा करने का रास्ता साफ हो गया है।

अब मौसम के अनुसार भुगतान की जाने वाली मुआवजा राशि इस प्रकार है।

1खरीफ 2022 और रबी 2022-23 के बीच = 2.87 करोड़।
2खरीफ 2023 = 181 करोड़
3रबी 2023-24 = 63.14 करोड़
4खरीफ 2024 = 2308 करोड़

वितरित की जाने वाली कुल राशि रु. 2,555 करोड़ रुपये, जिसमें से सामान्य किसान को मिलेगा
लाभार्थी आवेदनों की संख्या 6.4 मिलियन है। बीमा कंपनी अब उक्त राशि किसानों के आधार से जुड़े बैंक खाते में तत्काल जमा कर देगी।

विशेषज्ञों ने किन मुद्दों पर जोर दिया है?

चूंकि महाराष्ट्र जलवायु-संबंधी कृषि चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए विशेषज्ञों ने दीर्घकालिक टिकाऊ पद्धतियों, उन्नत सिंचाई प्रणालियों और जलवायु-अनुकूलित फसलों को व्यापक रूप से अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। इसके अतिरिक्त, कृषि नीतियों में संरचनात्मक परिवर्तन तथा टिकाऊ कृषि में निवेश में वृद्धि, किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती जा रही है।

ड्रिप सिंचाई के लिए केंद्रीय सहायता

वर्ष 2023-24 में 8,520.18 करोड़ रुपये के फसल बीमा दावे वितरित किये गये। वर्ष 2015 से अब तक केंद्र सरकार ने ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ (पीडीएमसी) के तहत राज्य में 10.25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए 2,606.55 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है।

21 जिलों के किसानों को मिला मौसम प्रशिक्षण

वर्ष 2018 से, जलवायु अनुकूल कृषि परियोजना (पीओसीआरए) के तहत, राज्य के 21 जिलों के किसानों को सिंचाई के बुनियादी ढांचे में सुधार करने और कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

एकीकृत बागवानी विकास

अभियान (एमआईडीएच), डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कृषि स्वावलंबन योजना और बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना जैसी राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत किसानों को खेत तालाबों, कुओं और सिंचाई प्रणालियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
जा रहा है।

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